Sarkari Job Mart

Sarkari Job Mart is a Online Government Job Portal

Sarkari Job Mart ( Hindi Blog Post )

Thursday, February 28, 2019

#NationalScienceDay2019

क्यों मनाया जाता है विज्ञान-दिवस :- 

आज का दिन विज्ञान
-दिवस के रूप में मनाया जाता है इसकी वजह है सर सीवी रमन और उनकी याद में हम हर साल आज के दिन को विज्ञान-दिवस के रूप में मानते है | महान भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने आज ही के दिन 28 फरवरी सन्न 1928 को भौतिकी के गंभीर विषय में एक महत्वपूर्ण खोज की थी। थोड़ा विस्तार पूर्वक बात करें तो वोह खोज थी की पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव और उसके उपयोग , इन्होने ही अपने शोध के जरिये बताया था कि आसमान और समुद्र के पानी का रंग नीला क्यों दिखाई देता है? और उनकी इसी महत्वपूर्ण खोज के लिए 1930 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले वे भारत ही नहीं बल्कि पूरे  एशिया के सबसे पहले वैज्ञानिक थे। और उनकी इस खोज के सम्मान में 1986 से आज के इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का चलन है।



कौन थे सर सीवी रमन :-
सर चंद्रशेखर वेंकट रमन एक भारतीय तमिल भौतिक वैज्ञानिक थे जो भारत के पूर्व मद्रास में जन्मे थे,आजकल जो अब तमिलनाडु में आता है  इन्होने ही प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में ग्राउंड लेवल पे कार्य किया था, विस्तार पूर्वक बताये तो  इसी उपलब्धि की वजह से उन्हें भौतिकी का 1930 का नोबेल पुरस्कार ने नवाजा गया था | उनके
जीवन में फिर दुबारा से पहले पुरस्कार के बाद सन्न 1954 में भारत ने उनको  " भारत रत्नसे  भी नवाजा गया था उनके इस रमन इफेक्ट का उपयोग आज पूरी दुनिया में हो रहा है। उनकी याद में आज के दिन स्कूल कॉलेजों में विज्ञान की कई प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। और यह एक अच्छी बात है के इस तरह उनकी याद मैं आज के दिन को सेलिब्रेट करते हुए हम आज के इस दिन वैज्ञानिक शोध को बढावा देने का काम करतें हैं जिससे की भविष्य में  और भी ऐसे वैज्ञानी भारत देश में बने जो की बहुत जरूरी है। इसके लिए हमको हमारे बच्चों को प्रेरित करना होगा


क्या ख़ास होता है आज के दिन :- 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को भारत में हर वर्ष एक मुख्य विज्ञान उत्सव के रूप में मनाया जाता है आज के दिन स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी विभिन्न - विभिन्न विज्ञान के प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित करते हैं साथ ही साथ आज के दिन राष्ट्रीय और राज्य विज्ञान संस्थान भी अपने नवीतम शोध प्रदर्शित करते हैं। इस समारोह में सार्वजनिक भाषण, रेडियो-टीवी शो , टॉक शो, विज्ञान फिल्मों को दिखाया जाना , विज्ञान  के विषय और संकल्पना पर आधरित विज्ञान प्रदर्शनी, नाईट स्काई देखना, सजीव प्रोजेक्ट्स और शोध प्रदर्शनी, चर्चा, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, भाषण, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी आदि बहुत सारे प्रोग्राम होते हैं।आज खगोल भौतिकी और रेडियो खगोल विद्या के क्षेत्र में अपने मुख्य शोध को पहचान दिलाने के लिये समारोह में जीएमआरटी और एनसीआरए द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। आज के दिन ख़ास तौर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मंत्री अपने भाषण के द्वारा विद्यार्थी, वैज्ञानिक, शोधकर्ता और राष्ट्र के आम नागरिकों को एक संदेश देते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का थीम (विषय) :-

2019 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए थीम है "लोगों के लिए विज्ञान और विज्ञान के लिए लोग"
2018 का विषय था "एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" |
2017 का विषय था "विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकलांग व्यक्तियों के लिए है" |
2016 का विषय था देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाना" | 
2015 का विषय था “राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञान”।
2014 का विषय था “वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।
2013 का विषय था “अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षा”।
2012 का विषय था “स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।
2011 का विषय था “दैनिक जीवन में रसायन”।
2010 का विषय था “दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।
2009 का विषय था “विज्ञान की सीमा को बढ़ाना”।
2008 का विषय था “पृथ्वी ग्रह को समझना”।
2007 का विषय था “प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल”।
2006 का विषय था “हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करें”।
2005 का विषय था “भौतिकी को मनाना”।
2004 का विषय था “समुदाय में वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।
2003 का विषय था “जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।
2002 का विषय था “पश्चिम से धन”।
2001 का विषय था “विज्ञान शिक्षा के लिये सूचना तकनीक”।
2000 का विषय था “मूल विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना”।
1999 का विषय था “हमारी बदलती धरती”।

पुरस्कार:-

आज किसी को एक पुरस्कार मिलना जितना मुश्किल है वहीं महान भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को सन्न 1930 में भौतिकी में " नोबेल पुरस्कार " और सन्न 1954 में  " भारत रत्न " और भी कई जैसे की ह्यूजेस मेडल, फ्रैंकलिन मेडल, लेनिन शांति पुरस्कार, मैट्टुची मेडल विजेता रहे |
आप सरकारी जॉब के लिए हमारी वेबसाइट पे भी विजिट कर सकतें हैं पसंद आये तो शेयर करना न भूलें

जल्दी मिलेंगे एक नयी जानकारी के साथ

Monday, February 25, 2019

आइए जानते हैं इसके बारे मे विस्तार से

आज यानी के सोमवार  25th फरवरी को  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली में  नेशनल वॉर मेमोरियल स्मारक के मध्य मैं बनी ओबिलिस्क के नीचे ज्योति को प्रज्ज्वलित कर 40 एकड़ में फैले इस   National War Memorial  "को राष्ट्र को समर्पित किया हैं।





इतिहास देखा जाये तो दुनिया के बड़े बड़े देशों में सिर्फ भारत हे ऐसा देश था जिस में अब तक युद्ध स्मारक का निर्माण नहीं हुआ था। अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध के बाद शहीद भारतीयों की याद में 1931 में इंडिया गेट बनवाया था। और 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था और आज 2019 में नेशनल वॉर मेमोरियल भी बनकर तैयार हो चुका है | बताया जाता है के प्रधानमंत्री मोदी जी ने सन्न 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इसका वादा किया था और 2015 में स्वीकृति भी दी थी। प्राप्त हुई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बने इस युद्ध स्मारक की लागत 176 करोड़ रुपये आई है और यह एक साल में बनकर पूरा हुआ है। इसका निर्माण का काम पिछले साल फरवरी में ही शुरू हुआ था। इसकी 16 दीवारों पर 25,942 योद्धाओं का जिक्र किया गया है। ग्रेनाइट पत्थरों पर योद्धाओं के नाम, रैंक व रेजिमेंट का उल्लेख भी किया गया है। देश के इस पहले वॉर मेमोरियल में दर्ज हैं 25 हजार से अधिक शहीदों के नाम, यह सब योद्धा वो हैं जिन्होने 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965, 1971 व 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और श्रीलंका में शांति बहाल कराने के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।




 


बीते रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में श्री नरेंद्र मोदी जी ने युद्ध स्मारक का जिक्र करते हुए कहा था कि इसका न होना उन्हें अक्सर दुखी और आश्चर्यचकित करता था। "उन्होंने कहा। के मुझे विश्वास है कि हमारे देशवासियों के लिए, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की यात्रा एक प्रकार की पवित्र स्थान की तीर्थ यात्रा के समान होगी। पत्रकारों से बातचीत मैं लेफ्टिनेंट जनरल राजेश्र्वर ने बताया कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में इंडिया गेट के नीचे 1972 में प्रज्ज्वलित की गई अमर जवान ज्योति भी जलती रहेगी। इस नेशनल वार मेमोरियल स्मारक का प्रवेश निशुल्क है | इसका डिजाइन एक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से चुना गया था। 


इसकी बनावट को चार चक्रों के रूप में बनाया गया है, जिनमें से हर एक सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों को दर्शाया गया है जो की इस प्रकार हैं 'अमर चक्र' या अमरता का वृत्त, 'वीरता चक्र' या वीरता का वृत्त, 'त्याग चक्र' या बलिदान का वृत्त और ' रक्षक चक्र 'या सुरक्षा का चक्र। 

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में परमवीर चक्र के 21 पुरस्कारों की मूर्तियों को भी  स्थापित किया गया है। इसमें देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार-सूबेदार मेजर (हनी कैप्टन) बाना सिंह (सेवानिवृत्त), सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव और सूबेदार संजय कुमार के नाम शामिल हैं। इसमें कुछ जगहों जैसे की मुख्य क्षेत्र और परम योद्धा स्टाल में समय की पाबंदी होगी। यहाँ हर रोज शाम को रिट्रीट सेरेमनी भी हुआ करेगी। 






इसमें आर्टिफिशियल लाइटिंग और साथ साथ वॉकिंग पैसेज भी हैं ।इसको बनाते समय चक्रव्यूह की सी संरचना लेते हुए इसे बनाया गया है। इसमें चार वृत्ताकार परिसर होंगे और बीच मे एक ऊंचा स्मृति स्तंभ भी है, जिसके नीचे अखंड ज्योति हमेशा जलती रहेगी। इस स्मारक में देश की आजादी के बाद से शहीद हुए 25,942 भारतीय सैनिकों के नाम पत्थरों पर लिखे गए हैं। भविष्य मे ये सशस्त्र बलों के समारोहों के लिए भी यह स्मारक स्थल के रूप में काम करेगा।





आप सरकारी जॉब के लिए हमारी वेबसाइट पे भी विजिट कर सकतें हैं पसंद आये तो शेयर करना न भूलें 

वेबसाइट : सरकारी जॉब मार्ट डॉट कॉम 


फेसबुक


ट्विटर 



जल्दी मिलेंगे एक नयी जानकारी के साथ



Friday, February 22, 2019

जी हाँ कल ही यानी के 21 फरवरी 2019 को हमारे देश की राजधानी दिल्ली मे | गृह मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा सेवन वंडर्स पार्क का उदघाटन हुआ है द्वारा उद्घाटन के बाद पार्क 21 फरवरी को शाम 6 बजे से आम जनता के लिए लिए खोल दिया गया है | इस पार्क का नाम वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड रखा गया है। जानकारों की माने तो “एसडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सन्न 2013 में कोटा, राजस्थान में इसी तरह की थीम पर विकसित वंडर पार्क का दौरा किया था। और वहां से वापस आने के बाद, अधिकारियों ने एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की और इसे इंजीनियरिंग विभाग के साथ साझा किया। और आपके सामने है दिल्ली का वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड पार्क |



आइये जानने की कोशिश करते है क्या कुछ है यहाँ और कैसा है यह पार्क
कहाँ बना है ये पार्क :- 

हमारे देश की राजधानी दिल्ली मे यह पार्क निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के और सराये काले खान के नज़दीक बने इंद्रप्रस्थ पार्क से जुड़े राजीव गांधी स्मृति वन के लगभग ६ एकड़ भाग मे  बना हुआ है | आपकी सुविधा के लिए आप गूगल भी कर सकतें हैं वैसे फोटो मैं दिखाया है लोकेशन उम्मीद है आपको थोड़ी बहुत क्लैरिटी मिलेगी | रिंग रोड पे होने की वजह से यहाँ पहुंचना और भी आसान है |


पार्क के बारे में व खासियतें :-

दुनिया के सातो अजूबों को चुनने के बाद इनको निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन के करीब एक जगह कुछ इस तरह से सजाया गया है की आप तारीफ़ किये बिना रह नहीं पाएंगे सब कुछ बता कर हम आपका उत्साह / जिज्ञासा को काम नहीं करेंगे बल्कि चाहेंगे की जल्द से जल्द टाइम निकाल के देख कर जरूर आयें | इस सेवन वंडर पार्क मे अलग अलग देशों के ७ अजूबों की स्मारकें है और उन स्मारकों में शामिल हैं - ताज महल, गीज़ा का महान पिरामिड, एफिल टॉवर, पीसा का लीनिंग टॉवर, क्राइस्ट द रिडीमर ऑफ़ ब्राज़ील, रोम का कोलोसियम और स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी। बड़ी ही खूबसूरती और अक्लमंदी से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने यार्डों मे पड़े हुए बेकार स्क्रैप जैसे की ड्रम, पाइप, पुराने लोहे के बैंचे और न जाने क्या क्या औद्योगिक स्क्रैप को लेकर सेवन वंडर्स की प्रतिकृतियां तैयार की है। इसकी बिजली रौशनी की व्यवस्था के लिए यहीं पर सोलर पैनलों का इस्तेमाल किया गया है जिससे काफी बिजली मिल जाती है जो की शाम के वक़्त विब्भिन प्रकार की लाइटों से इस पार्क व इसके सातों स्मारकों की शोभा मैं चार चाँद लगा देती है जैसा की आजकल सेल्फी का जमाना है तो आपके लिए यहाँ बहुत सारे सेल्फी पॉइंट मिल जाएंगे सभी स्मारकों में क्राफ्टिंग के लिए उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री और मूल स्मारक की पृष्ठभूमि का विवरण आपको उस स्मारक के नोटिस बोर्ड पर मिल जायेगा |



एफिल टॉवर :-  

यह इस पार्क का एकमात्र ऐसा स्मारक है जो सबसे ऊँचा लगभग 60 फीट का है। इसको बनाने में 94 लाख की राशि खर्च की गई है।



गीज़ा का पिरामिड :- 

इस पार्क मे जो गीज़ा का महान पिरामिड बना हुआ है उसमें में मिस्र की तुलना में यहाँ हरियाली है जबकि असली पिरामिड मैं  रेत-पत्थर लगा हैं। पिरामिड की ऊंचाई 18 फीट के लगभग है।


क्राइस्ट द रिडीमर :- 

यहीं आपको देखने को मिलगी क्राइस्ट द रिडीमर ऑफ ब्राजील की एक प्रतिमा जोकि एक 25 फीट ऊँची है, जिसकी भुजाएं बाहर की तरफ निकली हुई हैं। जैसे की अंग्रेजी का अक्षर टी या क्रिस्टियन का क्रॉस जैसा लगेगा दूर से |





पीसा का लीनिंग टॉवर :- 

पीसा की झुकी मीनार जैसे दिल्ली में पीसा का लीनिंग टॉवर बनाया गया है पर इटली के मूल मीनार से यह आठ गुना छोटा है। इसकी ऊंचाई केवल 57 मीटर है।


रोमन कोलोसियम :- 

इसका काम अभी पूरा नहीं हो पाया है इसका काम अभी भी निर्माणाधीन है इसलिए विवरण का इंतजार है।

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी:-

पार्क में स्थित स्टैचू ऑफ लिबर्टी की प्रतिमा जो की लगभग 30 फीट ऊंची है। मूर्तिकला की सुंदरता को बढ़ाने के लिए इसके चारों ओर हरे लॉन बनाये गए हैं।

ताजमहल:-

यह इस पार्क की सबसे महंगी स्मारक है जो की लगभग रु 1.16 करोड़ की लागत से निर्मित हुई है , ताजमहल के चारों ओर के पौधे भी मुगल गार्डन के समान लगाए गए हैं ताकि संरचना को बेहतर रूप प्रदान किया जा सके।

टिकट / प्रवेश शुल्क :- 

अभी तक की मिली जानकारी के अनुसार भीड़ भाड़ से बचने के लिए, नागरिक निकाय  ने  मात्र २० रुपये प्रवेश शुल्क के रूप में लेने का फैसला किया है। हालाँकि, वरिष्ठ नागरिक और शिशु जो तीन साल से कम उम्र के हैं, साथ ही साथ एम सी डी के बच्चों के लिए जो की स्कूल जातें हैं, उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।


एक रिक्वेस्ट है अपने सुझाव कमेंट के रूप में लिखिये हमें इंतजार है आपके उत्तर का 

आप सरकारी जॉब के लिए हमारी वेबसाइट पे भी विजिट कर सकतें हैं पसंद आये तो शेयर करना न भूलें 




जल्दी मिलेंगे एक नयी जानकारी के साथ 






Wednesday, February 20, 2019


आजकल के युग मे कोई अगर कहे के कोई नौकरी नहीं मिल रही तो ये सरासर गलत होगा, आप कितना भी पड़े लिखे हो कितना भी अनुभव हो , या न हो, कोई न कोई जॉब आपके लिए मिल ही  जाती है मैं यहाँ सिर्फ प्राइवेट जॉब की ही बात नहीं कर रहा हूँ आजकल तो सरकारी जॉब के भी बहुत सारे ऑप्शन आपके पास है, तो क्यों न देखा जाये के आपकी योग्यता के अनुसार कौन-कौन सी सरकारी जॉब उपलब्ध हैं |

10th पास के लिए

यदि आप केवल 10th पास हो और उम्र 18 से 28 के बीच है तो आपके पास मौका है नेहरू युवा केंद्र दिल्ली मैं बतौर वॉलेंटेएर काम करने का, लगभग 1200 पदों की नियुक्ति होनी है आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकतें है. इस पद पर आवेदन करने की अंतिम तारीख 3 मार्च 2019 है। अधिक जानकारी के लिए आप सरकारी जॉब मार्ट www.sarkarijobmart.com नामक वेबसाइट पे जा के सारी जानकारियां डिटेल मे देख सकतें हैं साथ साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकतें हैं

इसके अलावा और भी बहुत सी सरकारी जॉब्स निकली हैं डालतें हैं एक नज़र वो कौन सी जॉब्स हैं और कहाँ से अधिक जानकारी मिल पायेगी और कैसे आवेदन करना होगा


12th पास के लिए

जैसे की अगर आप 12 वी पास हैं तो मौका है के उत्तर प्रदेश के यू. पी पुलिस मे निकली 5419 पोस्ट जिसमें विब्भिन पद जैसे की जेल वॉर्डन, फायरमैन व् घुड़सवार पदों पे नियुक्तियां होनी है उम्र सीमा पुरुषों के लिए 18 से 22 वर्ष दी गयी है वहीं महिलाओं के लिए 18 से 25 वर्ष रक्खी गयी है अधिक जानकारी के लिए आप सरकारी जॉब मार्ट www.sarkarijobmart.com नामक वेबसाइट पे जा के सारी जानकारियां डिटेल मे देख सकतें हैं साथ साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकतें हैं

बी.ए ( बैचलर डिग्री या ग्रेजुएशन ) के लिए


इस योग्यता के लिए सच मैं सरकारी नौकरियाँ सरकारी जॉब थोक के भाव मैं मिल जाएँगी जैसे की कुछ निचे बता रहा हूँ आपकी सुविधा के लिए लिंक www.sarkarijobmart.com पर क्लिक करके डायरेक्ट साइट पे जा के अपने मतलब की सरकारी जॉब तलाश कर सकतें हैं वैसे फिर कहूंगा अधिक जानकारी के लिए आपको सरकारी जॉब नामक वेबसाइट पे जा के सारी जानकारियां डिटेल मे देख सकतें हैं साथ साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकतें हैं |

यू पी एस एस एस सी द्वारा => चकबंदी अधिकारी  लगभग 672 पोस्ट
यू
पी ऐस सी द्वारा => सिविल सर्विस आई ऐ ऐस ,आई ऍफ़ ऐस मैं निकली 986 पोस्ट





Wednesday, February 13, 2019

हमारे भारत में यह एक मज़ेदार बात है कि कैसे माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों या कॉलेजों में पढ़ना तो नहीं चाहते, लेकिन चाहते हैं कि वो सरकारी नौकरी करें। ज्यादातर लोग यहाँ सरकार को हर चीज के लिए दोषी मान लेते हैं लेकिन फिर भी नौकरी तो सरकारी ही करना चाहते हैं। और करें भी क्यों न सरकारी जॉब के फायदे ही फायदे जो हैं |

जैसे की कुछ ख़ास यहाँ नीचे बताये गए हैं 


हर महीने गॉरन्टीड सैलरी

समय के साथ साथ मंदी या उतार चड़ाव आना एक आम बात है तो इसका फायदा उठा कर कई कंपनियां सैलरी देने मैं देर सवेर करती हैं लेकिन एक सरकारी नौकरी ही एक ऐसी नौकरी है जिसमें आपके मासिक वेतन की गारंटी है और आपको समय पर भुगतान किया जाएगा। वास्तव में हर साल , बजट में सरकार पहले सभी सरकारी नौकरियों के लिए धन देती है और फिर बचा हुआ अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए धन आवंटित करती है। सरल शब्दों में, बजट से पहले सरकारी कर्मचारियों को भुगतान किया जाता है |


रिटायरमेंट

सरकारी नौकरी मैं आपके रिटायरमेंट के बाद एक सबसे अच्छी बात आपकी जीवन पेंशन है जो सभी को मिलती है । यही मुख्य कारण है कि भारत में हर कोई सरकारी नौकरी करना ही पसंद करता है। सरकारी नौकरी मैं आपका पूरा जीवन बीमाकृत है, आपको अलग से किसी अन्य के बाद आपको कहीं और काम करने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप और आपकी पत्नी पेंशन प्रकार की बीमा योजनाओं की आवश्यकता नहीं है। और इसके साथ साथ नौकरी से रिटायर होने है तो आपको पेंशन राशि का आधा हिस्सा भी मिलेगा। निजी नौकरियों में पेंशन, मासिक वेतन का आनंद तब तक उठाएंगे जब तक उनमें से कोई एक जीवित हो।


चिकित्सा सुविधाएँ वो भी फ्री

नि: शुल्क चिकित्सा सुविधा भी एक कारण है कि भारतीय लोग सरकारी नौकरी की चाहत रखतें हैं इसमें अगर आपके पास सरकारी नौकरी है तो आपका मेडिकल खर्च आपके पूरे परिवार के लिए शून्य होगा। चाहे वह छोटा सा कट हो या ओपन हार्ट सर्जरी।


रहने के लिए सरकारी क़्वार्टर

सरकारी नौकरियों में सरकार द्वारा आवास की सुविधा पहले से ही प्रदान की जाती है। आज एक शहर में दो कमरों का फ्लैट किराए पर लेने पर आपको प्रति माह 10,000 रुपये से 15,000 रुपये या इससे भी अधिक खर्च करने होंगे। जो भी आप महीने मैं कमाते हैं, उसका आधा हिस्सा तो केवल घर का किराया देने के लिए ही निकल जाएगा। लेकिन अगर आपके पास सरकरी नौकारी है तो आपको किराए की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आपके पास सरकारी नौकरी है तो आप मुफ्त में उनके क्वार्टर में रहते हैं या अगर देना भी पड़ा तो बहुत कम | सरकारी नौकरियों में सरकार द्वारा आवास की सुविधा पहले से ही प्रदान की जाती है।


काम का बोझ न के बराबर

प्राइवेट नौकरी मैं आप तभी तक बने रह सकतें है जब तक आप काम करते हैं । एक निजी कंपनी में काम का बोझ सरकारी नौकरी की अपेक्षा अधिक है और आपको पूरे 8 से 10 घंटे काम करना हे होता है  आपकी हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जाती है आजकल तो सी सी टी वी कैमेरा लगें है हर ऑफिस मैं प्राइवेट जॉब मैं अगर आपका बॉस आपके काम से संतुष्ट नहीं है या काम उसके सटिस्फैक्शन लेवल तक नहीं है तो हो सकता है आपको निकाल दिया जाये |  वहीं अगर आप सरकारी नौकरी में एक बार आ जाएँ ज्वाइन कर ले तो आपको कोई नहीं निकाल सकता । एक सरकारी नौकरी में कार्यभार न के बराबर है और आप वास्तव में काम के माहौल का आनंद लेते हैं। इसके अलावा, एक निजी नौकरी में आपको नियमित आधार पर मूल्यांकन पास करना होगा। यदि आप नौकरी के लायक हैं तो वे आपका आकलन करते हैं। यदि आप फिट हैं तो केवल आप काम करना जारी रख सकते हैं अन्यथा कंपनी अलविदा कह देगी। लेकिन सरकरी नौकारी में ऐसी कोई बात नहीं है, बस टेंशन फ्री काम है |

छुट्टियों का आनंद लें

सरकारी नौकरी में आपको एक साल में सभी छुट्टियों का आनंद मिलता है। सशुल्क अवकाश ( पेड लीव्स ) भी हैं। आप प्राइवेट जॉब मैं ऐसी छुट्टियों की कल्पना भी नहीं कर सकते। आपको भुगतान तभी किया जाता है जब आपने  काम किया हो  यदि आप एक दिन की भी छुट्टी लेने का निर्णय लेते हैं, तो कंपनी उस दिन के पैसे काट ही लेगी| वैसे प्राइवेट जॉब में आपको इतनी आसानी से छुट्टी मिलती भी नहीं है। सरकारी नौकरी में दूसरी तरफ आप एक साल में सभी छुट्टियों का आनंद ले सकते हैं। इसलिए भारत में सरकारी नौकरी बेहतर है


मुफ्त भत्ते (टीए / डीए)

एक सरकारी नौकरी मैं आपको हर साल टीए / डीए (यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता) मिलेगा। यात्रा भत्ता में आपको एक जगह से दूसरी जगह मुफ्त में यात्रा करने की सुविधा मिलती है। मुख्य रूप से रेलवे द्वारा। हवाई टिकट के लिए आपको केवल रियायत मिलेगी।

विवाह प्रस्ताव बहुत आते है

इस सरकारी जॉब का एक फायदा यह भी है की अगर आप एक नौजवान हैं और आपके पास एक सरकरी नौकारी है, तो आप के लिए शादी के प्रस्तावों की कमी नहीं होगी आपको अपने समुदाय से हर हफ्ते सैकड़ों प्रस्ताव मिलेंगे। क्योंकि सरकारी जॉब की महत्ता है इसलिए हर कोई अपनी बेटी को ऐसे आदमी को देना चाहेगा जिसके पास एक सरकारी नौकरी हो |

सम्मान अधिक मिलता है


देखा गया है के आप अगर किसी सरकारी जॉब मैं हो और समाज मैं कहीं आते जाते हो तो आपको  जॉब वाले से अधिक वरीयता दी जाएगी | इसलिए भारतीय सरकारी नौकरी के लिए जाना चाहते हैं